अब पूर्व सांसदों और नेताओं को हर हाल में खाली करने होंगे अपने बंगले जाने क्यों




अभी तक एक बार सांसद बन जाने के बाद जीवन भर सरकारी बंगले में रहने वाले सांसदों के लिए बुरी खबर है क्योंकि मोदी सरकार ने संसद में मौजूदा कानून में संशोधन कर उसे और कठोर बना दिया है जिसके तहत अब अवैध तरीकों से सरकारी मकानों में रह रहे लोगों को सरकारी मकान खाली करने होंगे और मौजूदा कानून के तहत अब सरकार के लिए मकानों को खाली कराना बेहद आसान हो जाएगा इससे सरकारी मकानों की जहां उपलब्धता बढ़ जाएगी वहीं मकान के लिए नए सांसद नेताओं को इंतजार भी नही करना पड़ेगा  और जो नया सांसद या विधायक बनेगा उसे आसानी से नया सरकारी मकान उपलब्ध हो सकेगा बताते चलें कि अभी तक 80 से ज्यादा पूर्व सांसदों ने अपने बंगले खाली नहीं किए हैं इसके लिए उन्हें कई बार नोटिस भी दिया जा चुका था लेकिन फिर भी वह मकान खाली नहीं कर रहे थे लेकिन नए कानून के संशोधन के बाद उन्हें अब हर हाल में अपनी कोठी को खाली करके दूसरी जगह जाना पड़ेगा संशोधित कानून के तहत अधिकारी को सरकारी मकानों में अवैध तरीके से रहने वालों को 3 दिन का कारण बताओ नोटिस जारी करने का अधिकार होगा लेकिन अगर  नोटिस के बावजूद भी  कोठी खाली नहीं होती है तो उसे  खाली करा लिया जाएगा दरअसल पुराने अधिनियम 1971 के तहत सरकार अपने कर्मचारियों सांसदों और कुछ नामचीन हस्तियों को सरकारी मकान की व्यवस्था करती है ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी में अपने निर्धारित कार्यकाल तक यहां तक रहने की सुविधा दी जाती थी इस तरह के आवंटन नियमों के तहत मकान को अपने पास रखने की पात्रता समाप्त होने के साथ ही उन्हें मकान को खाली करना होता था लेकिन देखने में आता था कि बहुत से लोग अपनी सेवाएं समाप्त होने के बाद भी सरकारी मकान खाली नहीं करते थे क्योंकि पुराने कानून में कुछ खामियां थी जिसका फायदा वह लोग आसानी से उठा लेते थे लेकिन नए संशोधित कानून में अब उनके बचने की गुंजाइश ना के बराबर है अब उन्हें हर हाल में पूर्व बनने के बाद मकान खाली करना होगा।