उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह की भाजपा में वापसी नए राजनीतिक समीकरण के संकेत



राजस्थान में 5 साल राज्यपाल रहने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह अपने प्रदेश लौट आए हैं उनका भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जोर-शोर से स्वागत किया अमौसी एयरपोर्ट से सैकड़ों वाहन के काफिले में भाजपा मुख्यालय पहुंचे कल्याण सिंह ने राम मंदिर मुद्दे पर राजनीतिक दलों को अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती दे दी है इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में फिर से राम मंदिर का मुद्दा गरमाने लगा है राज्यपाल होने की वजह से अभी तक सीबीआई बाबरी विवादित विद्युत धारा केस में अदालत में उनकी पेशी नहीं करा रही थी लेकिन अब यह प्रक्रिया भी शुरू होगी इससे कल्याण सिंह दोबारा सुर्खियों में आ जाएंगे वैसे उत्तर प्रदेश में आते ही कल्याण सिंह ने अपनी भविष्य की भूमिका भी जगजाहिर कर दी है इसीलिए मंदिर के सवाल पर विपक्ष को घेरा है यह बताना नहीं भूले कि राजपाल रहते हुए उत्तर प्रदेश के बारे में बोलते तो नहीं थे लेकिन जानकारी पूरी रखते थे कल्याण सिंह के अमौसी एयरपोर्ट पर पहुंचते ही जय श्रीराम के नारे लगने शुरू हो गए अमौसी एयरपोर्ट से भाजपा मुख्यालय तक जय श्री राम के नारों से इलाका गूंजता रहा कल्याण की तीन पीढ़ियां भी उनके साथ चल रही थी उनके साथ उनके सांसद पुत्र राजवीर सिंह राजू और पुत्र राज्य मंत्री संदीप सिंह व सौरभ सिंह भी उनके दाएं बाएं चल रहे थे उन्हें पकड़ा गया कल्याण सिंह के स्वागत में भारतीय जनता पार्टी के स्वतंत्र देव सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला प्रदेश राज्य सरकार के राज्यमंत्री अशोक कटारिया वार्ड नीलिमा कटारिया मनोहर लाल कोरी भी सिंह के साथ मौजूद थे उत्तर प्रदेश में वापस लौटते ही कल्याण सिंह को स्वतंत्र देव ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाई जिस पर कल्याण सिंह ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता रहूंगा लेकिन चुनाव नहीं लड़ूंगा कुल मिलाकर कल्याण सिंह की उत्तर प्रदेश में फिर से वापसी एक नए समीकरण को जन्म दे रही है।