दिल्ली पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार निवासी 13 वर्षीय कृष्णा जन्म के कुछ दिन बाद से ही एक दुर्लभ रोग से पीड़ित है वह अन्ना आंदोलन के दौरान सुर्खियों में आया था कृष्णा अब इलाज के लिए अपने परिजनों संग दर-दर भटकने को मजबूर है लेकिन उसकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है बताते चलें कि कृष्णा को मूत्र मार्ग पर एक गंभीर बीमारी हुई है जिसमें रक्त स्राव होना उसका अंतिम लक्षण माना जाता है एम्स के डॉक्टरों की मानें तो इस स्थिति में ऑपरेशन करने पर उसकी जान को भी जोखिम है इसलिए एम्स से लेकर तमाम अस्पताल विदेशों में ही उपचार संभव होने की बात कर रहे है।
कृष्णा के पिता एक ऑटो चालक है वह अपने बच्चे की जान बचाने के लिए कभी दिल्ली सरकार के पास तो कभी केंद्र सरकार के पास चक्कर लगाकर मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई भी नहीं है मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को कृष्णा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है जिसमें उसने लिखा है कि सीएम अंकल मैं भी पुलकित की तरह आपका बेटा हूं मैं बचपन से इस बीमारी को झेल रहा हूं मेरा जीवन संकट में है मुझे नई जिंदगी दे दो ऑटो ड्राइवर पिता लाल सिंह ने बताया कि 2006 में कृष्णा का जन्म हुआ था करीब डेढ़ माह बाद उन्हें मूत्रमार्ग के पास एक छोटी सी गांठ होने का एहसास हुआ तो वह उसको एम्स लेकर पहुंचे तब से करीब 8 साल तक एमसी में इलाज चलता रहा डॉक्टर कभी महीने तो कभी 2 महीने बाद वापस बुलाते और दवाइयां देकर वापस भेज देते थे उन्होंने कई बार डॉक्टरों से रोग से आराम नहीं मिलने की बात कही लेकिन डॉक्टरों का कहना था कि इसमें लंबा वक्त लगेगा और यह इलाज काफी दिन तक चलेगा जिसके बाद ही आप का बच्चा ठीक हो सकेगा 6 जनवरी 2014 को एम्स के डॉक्टरों ने मोबाइल नंबर लेकर कहा कि अब आगे से हम आपको फोन करेंगे तभी आप अस्पताल में दिखाने आना अभी कोई भी बिस्तर खाली नहीं है लाल सिंह का कहना है कि तब से लेकर अब तक उसके पास एम्स से कोई फोन नहीं आया इसके बाद वे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से भी मिल चुके हैं विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में लाल सिंह ने चुनाव में खूब मेहनत की थी इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि आम आदमी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनकी मद्त अवश्य करेंगे इस उम्मीद के सहारे वह दिल्ली के सीएम और सरकार के पास पहुंचे लेकिन वहां से भी उनको कोई जवाब नहीं मिला इसी बीच बच्चे को परेशानी बढ़ने लगी यह लोग फिर एम्स पहुंचे तो डॉक्टरों ने केस को दुर्लभ होने की बात कहते हुए इलाज नहीं होने की बात कही अब बेचारे लाल सिंह अपने बेटे के साथ जगह-जगह धक्के खा रहे हैं उनका कहना है कि उन्होंने इस बीमारी का उपचार विदेश में होने की जानकारी एकत्रित की है वे चाहते हैं कि दिल्ली सरकार उनकी मदद करें उनके बच्चे का इलाज करवा दे जिससे उनके बच्चे की जिंदगी बचा सके।