उम्र के एक पड़ाव पर आपको कई रोगों के होने का खतरा बढ़ हो जाता है लेकिन अगर खानपान पर ध्यान दिया जाए तो उस उम्र के दौर में होने वाले कई रोगों से बचा जा सकता है सुपोषण का मार्ग आहार-विहार तथा जीवन शैली मे सुपोषण का मार्ग आहार-विहार तथा जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन द्वारा प्रशस्त किया जा सकता है तो आइए हम एक-एक कर आपको देते हैं कुछ खास टिप्स जो आपके जीवन में आपके काम आने वाले हैं।
ओस्टियोआर्थराइटिस
यह जोड़ों की एक बीमारी है जो खासकर घुटनों पर अपना प्रभाव डालती है अर्थराइटिस की पीड़ा असहनीय होती है और रोगी सहज महसूस करता है घुटने को सामान्य रूप से मोड़ने में पीड़ित व्यक्ति असफल रहता है और घुटनों में दर्द एवं सूजन भी आ जाती है अर्थराइटिस में जोड़ों के कार्टिलेज घिस जाते हैं और उनमें सायनोवियल फ्लुएड की कमी हो जाती है जिसके कारण इंसान परेशान हो जाता है तो आइए हम आपको बताते हैं कुछ खास टिप्स और कुछ खास इलाज।
इलाज
ओस्टियोआर्थराइटिस में सुपोषण के लिए कैल्शियम की अधिक मात्रा वाले आहार लेने चाहिए जैसे दूध और उससे निर्मित उत्पादों को शामिल किया जा सकता है कुछ लोगों को दूध और इससे निर्मित उत्पादों से एलर्जी होती है तो उन्हें वैकल्पिक रूप से अपने आहार में अन्य कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों जैसे राजमा ब्रोकली पालक मूंगफली बादाम और टोफू का प्रयोग करना चाहिए विटामिन सी और डी जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है विटामिन डी अर्थराइटिस को शुरू होने से रोक शक्ति है सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है विटामिन डी कैल्शियम को हड्डियों और शरीफ द्वारा अवशोषित करने में भी मदद करता है संतरे का जूस दूध दही हंडी आदि का सेवन रोगी को बचाने का काम करता है मोटा अनाज हरी पत्तेदार सब्जियां डाइट में फलों को प्राथमिकता दे वजन पर काबू पाया जा सकता है जिससे इस बीमारी की संभावना कम हो जाती है।
नियमित व्यायाम करें और बीमारी से दूर रहे
निष्क्रिय जीवन शैली उम्र बढ़ने के साथ-साथ अर्थराइटिस होने का जोखिम बढ़ाती है इसलिए सप्ताह में 3 से 5 बार 20 से 30 मिनट का व्यायाम जरूर करना चाहिए महिलाओं के जीवन काल में रजोनिवृत्ति मोनू 540 से 50 के मध्य होना एक सामान्य कुदरती प्रक्रिया है इस प्रक्रिया में हार्मोन से संबंधित परिवर्तनों के कारण दिक्कतें बढ़ जाती है जिसके फलस्वरूप हड्डियां कमजोर हो जाती है और उनकी डेंसिटी कम हो जाती है इस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस नामक मर्ज कहते हैं मोनोपॉज के दौरान डिप्रेशन की समस्या चिड़चिड़ापन में सूखापन आदि समस्याएं उत्पन्न होती है जिनका समुचित पोषण के द्वारा इलाज किया जा सकता है मेनोपॉज के दौरान एनीमिया या शरीर में खून की कमी आहार में आयरन की कमी के कारण हो जाती है इस स्थिति में महिलाओं को अधिक मात्रा में आयरन युक्त आहार हरीश द्वारा आदि का सेवन करना चाहिए।
लेखक डॉ अर्पिता सी राज
एम डी आयुर्वेद