जाने क्यों है हमारे जीवन मे परिक्रमा का विशेष महत्व




हम सब ने कभी ना कभी कहीं ना कहीं किसी न किसी देवी देवता की परिक्रमा की होगी लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस परिक्रमा का क्या अर्थ होता है आप को ज्ञात होगा कि सृष्टि के ग्रह सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं और  सूर्य महा सूर्य की परिक्रमा कर रहा है संपूर्ण ब्रह्मांड में चक्र एवं परिक्रमा का बड़ा महत्व है  दुनिया के सभी धर्मों में परिक्रमा का प्रचलन है हिंदू धर्म की ही बदौलत है ब्रह्मांड का प्रत्येक ग्रह नक्षत्र किसी न किसी तारे की परिक्रमा कर रहा है या परिक्रमा ही जीवन का एक सत्य है व्यक्ति का संपूर्ण जीवन ही एक चक्र है इस चक्र को समझने के लिए ही परिक्रमा जैसे प्रत्येक को निर्मित किया गया है भगवान में ही सारी सृष्टि समाई है और उनसे ही सब उत्पन्न हुआ है हम उनकी परिक्रमा करके यह मान सकते हैं कि हमने सारी सृष्टि की परिक्रमा कर ली है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हमेशा ही मंदिर वहां बनाया जाता है जहां पृथ्वी की चुंबकीय तरंगे घनी होती हैं और इन मंदिरों के गर्भ गृह में देवताओं की मूर्ति उसे चुंबकीय स्थान पर स्थापित की जाती है जहां मूर्ति के नीचे तांबे के पात्र रखे जाते हैं जो चुंबकीय तरंगों को और शोषित करते हैं इस प्रकार जो व्यक्ति रोज मंदिर जाकर इन मूर्ति की घड़ी की दिशा के चलने की दिशा में परिक्रमा करता है वह इस ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है यह एक प्रक्रिया है और नियमित परिक्रमा करने से व्यक्ति में सकारात्मक शक्ति का विकास होता है।