प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की स्थिति दिन पर दिन बेहतर होने के बजाय और बदतर होती जा रही है जिसमें कहीं ना कहीं डॉक्टरों की लापरवाही भी शामिल है ऐसा एक मामला सेक्टर 30 के जिला सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी में सुनने को मिला है सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एक युवक की मौत के बाद उनके घर वालों ने जमकर हंगामा काटा परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के चलते युवक की मौत हुई है वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी और परिजन बिना किसी वजह के हंगामा कर रहे हैं मिली जानकारी के अनुसार ग्रेटर नोएडा के हैबतपुर गांव के रहने वाले राजेश कुमार का आरोप है कि उनके 30 वर्षीय पुत्र शिव कुमार को पीठ में 3 दिन से पहले से थोड़ा निकल आया था इस कारण उसे बुखार हो गया गांव के ही डॉक्टर से दवा दिला ली थी लेकिन कोई आराम नहीं हुआ तब इसके बाद वह सुबह 10:00 बजे अपने पुत्र को लेकर जिला सरकारी अस्पताल पहुंचे यहां हालात गंभीर होने पर डाक्टरों ने उसे इमरजेंसी में भर्ती कर लिया जिसके बावजूद भी डॉक्टरों ने समय पर इलाज शुरू नहीं किया अगर डॉक्टर समय रहते इलाज शुरु कर देते तो मरीज की जान बच जाती वहीं युवक की मौत से नाराज परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया हंगामा देखकर अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना तुरंत ही पुलिस को दी और मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को शांत कराकर घर भेज दिया इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर वंदना शर्मा ने बताया कि युवक की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हुई थी परिजन ने बिना किसी आधार के हंगामा शुरू कर दिया है जो सरासर गलत है।
नोएडा के जिला सरकारी अस्पताल में युवक की मौत से गुस्साए परिजनों ने जमकर किया हंगामा
प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की स्थिति दिन पर दिन बेहतर होने के बजाय और बदतर होती जा रही है जिसमें कहीं ना कहीं डॉक्टरों की लापरवाही भी शामिल है ऐसा एक मामला सेक्टर 30 के जिला सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी में सुनने को मिला है सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एक युवक की मौत के बाद उनके घर वालों ने जमकर हंगामा काटा परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के चलते युवक की मौत हुई है वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी और परिजन बिना किसी वजह के हंगामा कर रहे हैं मिली जानकारी के अनुसार ग्रेटर नोएडा के हैबतपुर गांव के रहने वाले राजेश कुमार का आरोप है कि उनके 30 वर्षीय पुत्र शिव कुमार को पीठ में 3 दिन से पहले से थोड़ा निकल आया था इस कारण उसे बुखार हो गया गांव के ही डॉक्टर से दवा दिला ली थी लेकिन कोई आराम नहीं हुआ तब इसके बाद वह सुबह 10:00 बजे अपने पुत्र को लेकर जिला सरकारी अस्पताल पहुंचे यहां हालात गंभीर होने पर डाक्टरों ने उसे इमरजेंसी में भर्ती कर लिया जिसके बावजूद भी डॉक्टरों ने समय पर इलाज शुरू नहीं किया अगर डॉक्टर समय रहते इलाज शुरु कर देते तो मरीज की जान बच जाती वहीं युवक की मौत से नाराज परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया हंगामा देखकर अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना तुरंत ही पुलिस को दी और मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को शांत कराकर घर भेज दिया इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर वंदना शर्मा ने बताया कि युवक की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हुई थी परिजन ने बिना किसी आधार के हंगामा शुरू कर दिया है जो सरासर गलत है।