बस्ती मारने वाला है भगवान बचाने वाला है भगवान बाल न बांका हो सके उसका जिसका रक्षक कृपा निधान यह पंक्ति सच साबित होने लगी जब एक बुजुर्ग सरयू नदी में 45 किलोमीटर बहने के बाद भी सही सलामत जिन्दा अपने गांव वापस लौट आया।
मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के जलगांव जिले के बबूरखुर्दा में रहने वाले मगन नारायण पाटिल जिनकी उम्र 60 साल बताई जा रही है वह लगभग 45 किलोमीटर तक सरयू नदी में बहते रहे उसके बाद सही सलामत अपने घर पहुंच गए बताते चलें कि वह रामलला के दर्शन करने के लिए आए थे और सरयू नदी में हाथ पैर धोते समय वह फिसल कर तेज धारा के साथ बहते चले गए थे।
जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला चर्चा में आया था घटनाक्रम में मौजूदा लोगों के अनुसार नदी में 45 किलोमीटर दूर तक बहने के बावजूद भी मगन नारायण सरयू नदी पार कर देवा रंग बरार गांव के पास एक पेड़ की डाली पकड़ कर खुद को बचाने का प्रयास कर रहे थे उसी समय वहां पर कुछ ग्रामीणों की निगाह उन पर पड़ गई और उन्हें नाव के जरिए सुरक्षित गांव ले आया गया ।
गांव के निवासी राजेंद्र ने बताया कि वह ठंड से कांप रहे थे इसलिए उनको सबसे पहले ठंड से बचने के उपाय सुझाए गए और उनकी मदद की गई काफी देर के बाद जब उनकी स्थिति सामान्य हुई तब उनसे बात की गई तो पता चला कि वह सरयू नदी में स्नान करने से पहले हाथ पैर धो रहे थे तभी तेज बहाव के कारण वह नदी में बह गए जिस कारण से यहां तक पहुंचे गए हैं
मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के जलगांव जिले के बबूरखुर्दा में रहने वाले मगन नारायण पाटिल जिनकी उम्र 60 साल बताई जा रही है वह लगभग 45 किलोमीटर तक सरयू नदी में बहते रहे उसके बाद सही सलामत अपने घर पहुंच गए बताते चलें कि वह रामलला के दर्शन करने के लिए आए थे और सरयू नदी में हाथ पैर धोते समय वह फिसल कर तेज धारा के साथ बहते चले गए थे।
जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला चर्चा में आया था घटनाक्रम में मौजूदा लोगों के अनुसार नदी में 45 किलोमीटर दूर तक बहने के बावजूद भी मगन नारायण सरयू नदी पार कर देवा रंग बरार गांव के पास एक पेड़ की डाली पकड़ कर खुद को बचाने का प्रयास कर रहे थे उसी समय वहां पर कुछ ग्रामीणों की निगाह उन पर पड़ गई और उन्हें नाव के जरिए सुरक्षित गांव ले आया गया ।
गांव के निवासी राजेंद्र ने बताया कि वह ठंड से कांप रहे थे इसलिए उनको सबसे पहले ठंड से बचने के उपाय सुझाए गए और उनकी मदद की गई काफी देर के बाद जब उनकी स्थिति सामान्य हुई तब उनसे बात की गई तो पता चला कि वह सरयू नदी में स्नान करने से पहले हाथ पैर धो रहे थे तभी तेज बहाव के कारण वह नदी में बह गए जिस कारण से यहां तक पहुंचे गए हैं