बिहार सरकार में एक इंजीनियर 30 साल तक सरकार के 2 विभागों में तीन जगह नौकरी करता रहा और किसी को कानों कान भनक तक नहीं लगी लेकिन जब बिहार में लागू हुए नए फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम सीएफएमएस ने इस गड़बड़ी को पकड़ा तो अधिकारियों और कर्मचारियों के होश फाख्ता हो गए दरअसल एक आदमी दो विभागों में तीन जगह पर नौकरी कैसे कर सकता है यह आश्चर्य का विषय था लेकिन गड़बड़ी पाए जाने पर इंजीनियर सुरेश राम के खिलाफ केस दर्ज किया गया फिलहाल सुरेश अभी तक फरार है मिली जानकारी के अनुसार यह मामला तब प्रकाश में आया जब
सीएफएमएस प्रणाली के तहत वेतन की प्रक्रिया की जांच की जा रही थी इसमें सुरेश नाम के तीन व्यक्ति नौकरी करते हुए सामने आए जिसमें से दो जल संसाधन में और एक भवन निर्माण विभाग में तैनात था लेकिन अधिकारियों के सब होश फाख्ता हो गए जब उस व्यक्ति के तीनों जगह नौकरी करने के एक ही प्रमाण मिले जैसे कि तीनों का नाम एक ही था जन्मतिथि पिता का नाम शरीर का पहचान चिन्ह स्थाई पता आदि सूचनाओं में भी समानता पाई गई तब अधिकारियों ने इस पर गहनता से छानबीन शुरू की और यह मामला खुलकर सामने आया उसके बाद जब तीनों पते को 22 जुलाई को पटना मुख्यालय के शैक्षणिक प्रमाण पत्र पैन कार्ड बायोडाटा से जन्म से संबंधित प्रमाण पत्र शिक्षा से संबंधित प्रमाण पत्र आधार कार्ड आदि अभिलेखों की जांच के लिए बुलाया गया तो भवन निर्माण विभाग किशनगंज में कार्यरत सुरेश राम कार्यालय कक्ष में उपस्थित हुआ उसके पास केवल आधार कार्ड एवं पैन कार्ड उपलब्ध था जब उससे पूछा गया कि आप को शैक्षणिक प्रमाण पत्र एवं नियुक्त सेवा संबंधी अभिलेखों की जांच हेतु विभाग में चलना है तो उसने कहा कि वह कुछ देर में उपस्थित हो रहा है उसके बाद वह फरार हो गया अधिकारियों ने काफी देर तक फोन पर संपर्क किया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला और उसका मोबाइल बंद आ रहा है और वह अपने कार्यालय में भी उपस्थित नहीं है बल्कि वह कहीं भूमिगत हो गया है पता चला है कि सुरेश सबसे पहले 20 फरवरी 1988 को भवन निर्माण विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त हुआ था उसने उसके अगले ही जल संसाधन विभाग में नौकरी का शुरू कर दी उसी वर्षों से जल संसाधन विभाग में से और नौकरी का ऑफर मिला तो उसने भीम में नौकरी ज्वाइन कर ली इसके बाद वह लगातार 30 सालों से तीनों स्थानों पर नौकरी का और वेतन बता रहा है
सीएफएमएस प्रणाली के तहत वेतन की प्रक्रिया की जांच की जा रही थी इसमें सुरेश नाम के तीन व्यक्ति नौकरी करते हुए सामने आए जिसमें से दो जल संसाधन में और एक भवन निर्माण विभाग में तैनात था लेकिन अधिकारियों के सब होश फाख्ता हो गए जब उस व्यक्ति के तीनों जगह नौकरी करने के एक ही प्रमाण मिले जैसे कि तीनों का नाम एक ही था जन्मतिथि पिता का नाम शरीर का पहचान चिन्ह स्थाई पता आदि सूचनाओं में भी समानता पाई गई तब अधिकारियों ने इस पर गहनता से छानबीन शुरू की और यह मामला खुलकर सामने आया उसके बाद जब तीनों पते को 22 जुलाई को पटना मुख्यालय के शैक्षणिक प्रमाण पत्र पैन कार्ड बायोडाटा से जन्म से संबंधित प्रमाण पत्र शिक्षा से संबंधित प्रमाण पत्र आधार कार्ड आदि अभिलेखों की जांच के लिए बुलाया गया तो भवन निर्माण विभाग किशनगंज में कार्यरत सुरेश राम कार्यालय कक्ष में उपस्थित हुआ उसके पास केवल आधार कार्ड एवं पैन कार्ड उपलब्ध था जब उससे पूछा गया कि आप को शैक्षणिक प्रमाण पत्र एवं नियुक्त सेवा संबंधी अभिलेखों की जांच हेतु विभाग में चलना है तो उसने कहा कि वह कुछ देर में उपस्थित हो रहा है उसके बाद वह फरार हो गया अधिकारियों ने काफी देर तक फोन पर संपर्क किया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला और उसका मोबाइल बंद आ रहा है और वह अपने कार्यालय में भी उपस्थित नहीं है बल्कि वह कहीं भूमिगत हो गया है पता चला है कि सुरेश सबसे पहले 20 फरवरी 1988 को भवन निर्माण विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त हुआ था उसने उसके अगले ही जल संसाधन विभाग में नौकरी का शुरू कर दी उसी वर्षों से जल संसाधन विभाग में से और नौकरी का ऑफर मिला तो उसने भीम में नौकरी ज्वाइन कर ली इसके बाद वह लगातार 30 सालों से तीनों स्थानों पर नौकरी का और वेतन बता रहा है